Record GST Collection in 2024-25 in India

भारत में वित्त वर्ष 2024–25 (1 अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025 तक) के दौरान GST (वस्तु एवं सेवा कर) संग्रह ने अब तक का सर्वाधिक रिकॉर्ड दर्ज किया—₹22.08 लाख करोड़, जो पिछले वर्ष (2023–24 में ₹20.18 लाख करोड़) की तुलना में 9.4 % की वृद्धि दर्शाता है। यह वृद्धि केवल एक साल के भीतर नहीं, बल्कि पिछले पाँच वर्षों में दो गुना वृद्धि का परिणाम है—FY21 में ₹11.37 लाख करोड़ से FY25 में यह ₹22.08 लाख करोड़ पर पहुँचा

GST Collection 2024-25

🔹 मासिक औसत संग्रह

  • FY25 में औसत मासिक GST संग्रह ₹1.84 लाख करोड़ रहा—जो FY24 में ₹1.68 लाख करोड़ और FY22 में ₹95,000 करोड़ था

  • जून 2025 में मात्र एक महीने में ही GST संग्रह ₹1.85 लाख करोड़ रहा, जो पिछले वर्ष जून की तुलना में 6.2 % अधिक है

  • मई 2025 में 16.4 % की वृद्धि दर्ज की गई, जिसका मुख्य श्रेय आयात से जुटे GST संग्रह को जाता है—जिसका योगदान पिछले तीन वर्षों में सबसे अधिक था

🔹 करदाता आधार में विस्तार
30 अप्रैल 2025 तक सक्रिय GST पंजीकरण की संख्या 1.51 करोड़ से अधिक तक पहुंच चुकी है—जिसमें सामान्य करदाताओं की संख्या 1.32 करोड़, रचना (composition) योजना के अंतर्गत 14.86 लाख एवं TDS आदि категории में 3.71 लाख से अधिक शामिल हैं

🔹 कारक एवं अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

  • आयात-आधारित व्यापार में बढ़ोतरी का सीधा लाभ GST संग्रह में मिला, खासकर मई और जून में

  • डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म, ई-वे बिल, ई-इनवॉइसिंग, आसान रिटर्न प्रक्रिया और पारदर्शिता जैसी सुधारों से कर अनुपालन बेहतर हुआ, जिससे संग्रह में इज़ाफा हुआ

  • Deloitte के एक सर्वे के अनुसार, 85 % व्यवसायी GST प्रणाली से संतुष्ट हैं

🔹 आठ वर्ष पूरे GST के – एक पुनर्निर्माण यात्रा
1 जुलाई 2017 से लागू हुई GST, अब 8 वर्षों में एक आधुनिक, पारदर्शी और कुशल कर तन्त्र का रूप ले चुकी है। इस फ्रेमवर्क ने केंद्रीय और राज्य करों का एकीकरण किया, आई.टी. आधारित प्रक्रियाओं से अनुपालन आसान बनाया और कर आधार को व्यापक किया


✍️ निष्कर्ष

वित्त वर्ष 2024–25 के दौरान ₹22.08 लाख करोड़ का GST संग्रह सिर्फ एक आंकड़ा नहीं, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था के सुधार, डिजिटल रूपांतरण और टैक्स अनुपालन की मिसाल भी है। पिछले पाँच वर्षों में दोगुनी वृद्धि, बढ़े करदाताओं की संख्या और व्यवसायों की संतुष्टि—ये सभी संकेत देते हैं कि भारत का आर्थिक ढाँचा अधिक संगठित, पारदर्शी और विकासोन्मुखी हो रहा है।

आने वाले वर्षों में भी अगर यह रफ्तार जारी रही, तो GST प्रणाली न केवल सरकारी राजस्व को मजबूत करेगी, बल्कि देश की आर्थिक नींव को और अधिक मज़बूत करेगी।

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